न्यूज अंग बिहार : भागलपुर एसएम कॉलेज के उर्दू विभाग की हेड डॉ जूही बानो बुधवार को अपने अंतिम कार्य दिवस पूरा कर सेवानिवृत्त हो गईं ।
डॉ बानो के सेवानिवृत्ति के अवसर पर सुन्दरवती महिला महाविद्यालय और शिक्षक संघ की तरफ से जीएफ हॉल में एक कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें फेयरवेल दिया गया। विदाई समारोह की अध्यक्षता एसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ रमन सिन्हा ने की। संयोजन शिक्षक संघ की सचिव डॉ मनोरमा सिंह ने किया। जबकि कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय शिक्षक संघ के संयुक्त सचिव व विश्वविद्यालय पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर कर रहे थे।
इस मौके पर डॉ जूही बानो महाविद्यालय में बिताए लम्हों और संस्मरणों को याद कर भाव-विभोर हो उठी। उन्होंने कहा कि एसएम कॉलेज उनके लिए एक परिवार की तरह है। इस महाविद्यालय से उनका गहरा और आत्मीय लगाव है। वे महाविद्यालय परिवार को कभी नहीं भूलेंगी। एसएम कॉलेज में अध्यापन कार्य कर उन्हें काफी सुखद अनुभूति हुई है। यहां का शैक्षणिक माहौल काफी बढ़िया है। अपने अंतिम कार्य दिवस पर महाविद्यालय की ओर से मिलने वाले सभी लाभ व कागजात पाकर डॉ जूही बानो ने कॉलेज प्रशासन के प्रति आभार जताया। मालूम हो कि डॉ जूही बानो 2003 बैच की शिक्षिका हैं। एसएम कॉलेज के उर्दू विभाग में एकमात्र वे शिक्षिका हैं। उनके सेवानिवृत्त होने से विभाग अब शिक्षकविहीन हो गया है। एसएम कॉलेज के उर्दू विभाग में पीजी स्तर तक की पढ़ाई होती है।
प्राचार्य डॉ रमन सिन्हा ने मौके पर ही डॉ जूही बानो के सेवांत लाभ के सभी कागजात हस्तगत करा दिए साथ ही मिलने वाली पीएफ की राशि भी शिक्षिका के खाते में ट्रासंफर करने के लिये बैंक को पत्र भेज दिया गया। प्राचार्य डॉ रमन सिन्हा और शिक्षक संघ की सचिव डॉ मनोरमा सिंह ने डॉ बानो को सम्मान पत्र और मोमेंटो भी भेंट किया। कॉलेज की तरफ से डॉ बानो को बुके, अंग वस्त्र व उपहार भेंट कर सम्मानित किया गया। जबकि शिक्षक संघ की तरफ से उन्हें ब्रीफकेस, मोमेंटो और शॉल भेंट किया गया। कुछ महिला शिक्षकों ने अपनी ओर से भी डॉ बानो को उपहार भेंट की। मौके पर डॉ बानो के सम्मान में सह-भोज का भी आयोजन किया गया। जिसमें महाविद्यालय के सभी शिक्षक और कर्मचारी शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ रमन सिन्हा ने कहा कि शिक्षक कभी रिटायर नहीं होते हैं।
शिक्षण का पेशा दुनिया का सबसे बड़ा पेशा और धर्म है। एक निश्चित सेवा काल के उपरांत सभी को रिटायर होना है। आगमन और विदाई एक नेचुरल फेनोमेना है। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक और कर्मचारी महाविद्यालय परिवार के अंग हैं। सबों के सहयोग से महाविद्यालय आगे बढ़ रहा है। प्राचार्य ने कहा कि डॉ जूही बानो के सेवानिवृत्त होने पर उर्दू विभाग में शिक्षक नहीं बचे हैं। वे जल्द ही विश्वविद्यालय प्रशासन से उर्दू विभाग में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के लिए पत्र भेजकर अनुरोध करेंगे ताकि पठन-पाठन बाधित न हो।
कार्यक्रम के आयोजन में कॉलेज के बर्सर डॉ मुकेश कुमार सिंह, शिक्षक संघ की सचिव डॉ मनोरमा सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ आनंद शंकर, डॉ अंजू कुमारी, डॉ अनुराधा प्रसाद, डॉ नीलम कुमारी आदि ने सक्रिय रूप से सहयोग किया। इस अवसर पर डॉ कुमार प्रभात चन्द्रा, डॉ शेफाली, डॉ बिमला आर्या, डॉ रश्मि पुरियार, डॉ श्वेता सिंह कोमल, डॉ सबा रईस, माला सिन्हा, डॉ राजीव रंजन पोद्दार, डॉ विक्रम सेन, डॉ हिमांशु शेखर, प्रियंका कुमारी, दीपक वर्मा, चंदन कुमार सहित कई शिक्षक-शिक्षिकाएं और कॉलेज कर्मी मौजूद थे। महाविद्यालय शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ की ओर से सचिव कानन राजू ने भी अपने विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन समाजशास्त्र विभाग की हेड डॉ नाहिद इरफान ने की।